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Tuesday, 10 November 2020

Class 10 |SEBA |HSLC Important Hindi Textbook Solution |हिंदी आलोक भाग 2 |पद्य : साखी - कबीरदास | पाठ के अन्तर्गत प्रश्न के उत्तर |

अभ्यासमाला 

■ बोध एवं विचार 

1. सही विकल्प का चयन करो  :

(क) महात्मा कबीरदास का जन्म हुआ था - 
       (अ) सन् 1398 में     (आ) सन्  1380 में 
       ( इ ) सन्  1370 में    ( ई )

(ख) संत कबीरदास के गुरु कौन थे ?
       (अ) गोरखनाथ      (आ) रामानंद 
       (इ) रामानुजाचार्य   (ई) ज्ञानदेव 

(ग) कस्तूरी मृग वन - वन में क्या खोजता फिरता है - 
      (अ) कोमल घास      (आ) शीतल जल
      (इ) कस्तूरी नामक सुगंधित पदार्थ    (ई) निर्मल हवा 

(घ) कबीरदास के अनुसार वह व्यक्ति पंडित है ---
      (अ) जो शास्त्रों का अध्ययन करता है ।
      (आ) जो बड़े - बड़े ग्रंथ लिखता है ।
      (इ) जो किताबें खरीदकर पुस्तकालय में रखता है ।
      (ई) 'जो प्रेम का ढाई आखर' पढ़ता है ।

(ङ) कवि के अनुसार हमें कल का काम कब करना चाहिए ?
      (अ) आज    (आ) कल    (इ) परसों    (ई) नरसों 

2. एक शब्द में उत्तर दो :

(क) श्रीमंत शंकरदेव ने अपने किस ग्रंथ में कबीरदास जी का
       उल्लेख किया है ?
उत्तर : 'कीर्तन घोषा' ।

(ख) महात्मा कबीरदास का देहावसान कब हुआ था ?
उत्तर : सन् 1518 में ।

(ग) कवि के अनुसार प्रेमविहीन शरीर कैसा होता है ?
उत्तर : मरा हुआ ।

(घ) कबीरदास जी ने गुरु को क्या कहा है ?
उत्तर : कुम्हार ।

(ङ) महात्मा कबीरदास की रचनाएँ किस नाम से प्रसिद्ध हुईं ?
उत्तर : बीजक ।

3. पूर्ण वाक्य में उत्तर दो :

(क) कबीरदास के पालक पिता - माता कौन थे ?
उत्तर : कबीरदास के पालक पिता-माता थे नीरू और नीमा ।

(ख) 'कबीर' शब्द का अर्थ क्या है ?
उत्तर : 'कबीर' शब्द का अर्थ है बड़ा,महान,श्रेष्ठ ।

(ग) 'साखी' शब्द किस संस्कृत शब्द से विकसित है ?
उत्तर : 'साखी' शब्द मूल संस्कृत शब्द 'साक्षी' से विकसित है ।

(घ) साधु की कौन - सी बात नहीं पूछी जानी चाहिए ?
उत्तर : साधु की जाति नहीं पूछी जानी चाहिए ।

(ङ) डूबने से डरने वाला व्यक्ति कहाँ बैठा रहता है ?
उत्तर : डूबने से डरने वाला व्यक्ति पानी के किनारे बैठा रहता
          है ।


Thursday, 10 September 2020

CLASS 9(SEBA) | Hindi Textbook Solution | आलोक भाग - 1 | पाठ 5 : आप भले तो जग भला - श्रीमन्नारायण |

अभ्यासमाला

■ बोध एवं विचार 
( अ ) सही  विकल्प  का  चयन  करो  :
    1. एक  काँच  के  महल  में  कितनेे  कुत्ते  घुसे  थे  ?
        (क) एक  (ख) दो  (ग) एक हजार  (घ) कई हजार

    2. काँच  का  महल  किसका  प्रतीक  है ?
        (क) संसार   (ख) अजायब  घर  (ग) चिड़ियाघर
        (घ) सपनों  का  महल

    3. " निंदक  बाबा  वीर  हमारा, बिनही  कौड़ी  बहै  विचारा ।
          आपन  डूबे  और  को  तारे , ऐसा  प्रीतम  पार  उतारे ।"
          -- प्रस्तुत  पंक्तियों  के  रचयिता  कौन हैं ?
          (क) कबीर दास   (ख) रैदास   (ग) बिहारीलाल   (घ) दादू

    4. आदमी  भूखा  रहता  है  - 
        (क) धन  का  (ख) जन  का  (ग) प्रेम  का  (घ) मान  का

    5. गांधीजी  ने  अहिंसा  की  तुलना  सीमेंट  से  क्यों  की  है ?
        (क) अहिंसा से मनुष्य एक साथ रहता है ।
        (ख) अहिंसा किसी को अलग नहीं होने देती ।
        (ग) अहिंसा सीमेंट की तरह एक - दूसरे को जोड़ कर
              रखती  है ।

(आ) संक्षिप्त उत्तर दो ( लगभग 25 शब्दों में ) :
1. दो कुत्तों की घटना का वर्णन करके लेखक क्या सीख देना
    चाहते हैं  ?
    उत्तर  : दो कुत्तों की घटना का वर्णन करके लेखक यह
    सीख देना चाहता है कि यदि मनुष्य स्वयं भला है तो उसे
    सारा संसार भला दिखाई देता है और मनुष्य स्वयं बुरा है
    तो उसे सारा संसार बुरा दिखाई देता है । मनुष्य नजरिया
    बदलकर देखने से दुनिया का हर चीजों में, हर लोगों में
    भला दिखाई देता है ।

2. लेखक ने संसार की तुलना काँच के महल से क्यों की है ?
    उत्तर : लेखक ने संसार की तुलना काँच के महल से की है
    क्योंकि काँच के सामने जो भी दिखाई देता है वह बिल्कुल
    सच होता है । काँच हमेशा सत्य को दर्शाता है । अगर आप
    अच्छा कर रहे होते हैं या बूरे सभी काँच में दिखाई देता है ।
    हमें सदा अच्छा देखना,अच्छा बोलना,और अच्छा सुनना
    चाहिए ताकि काँच में भी अच्छा दिखाई पड़े। तभी तो
    चारों ओर हमें अच्छा ही देखने को मिलेगा । अपने स्वभाव
    की छाया ही उस पर पड़ती है ।

3. अब्राहम लिंकन की सफलता का सबसे बड़ा रहस्य क्या था ?
    उत्तर : अब्राहम लिंकन की सफलता का सबसे बड़ा रहस्य
    यह था कि वह दूसरों की अनावश्यक नुक्ताचीनी कर
    उनका दिल नहीं दुखाता था ।

4. लेखक ने गांधी और सरदार पृथ्वीसिंह के उदाहरण क्या स्पष्ट
    करने के लिए दिए हैं  ?
    उत्तर : लेखक ने गांधी और सरदार पृथ्वीसिंह के उदाहरण
    यह स्पष्ट करने के लिए दिए हैं कि प्रेम और सहानुभूति से
    लोगों को अपनी ओर खींच सकते है । दोनों अहिंसा के
    मार्ग पर थे । गांधी जी सब को एकसाथ जोड़कर रखने के
    लिए सीमेंट का काम करता था ।

5. रसोइया ने बिना खबर दिए लेखक के मित्र की नौकरी क्यों
    छोड़ दी ?
    उत्तर : रसोइया ने बिना खबर दिए लेखक के मित्र की
    नौकरी छोड़ दी क्योंकि सुबह से शाम तक उसके महाशय      की डाँट खानी पड़ती थी । जैसे -"तुने आज दाल बिलकुल
    बिगाड़ दी । उसमें नमक बहुत डाल दिया ।" "अरे बेवकूफ
    तूने साग में नमक ही नहीं डाला ।" "यह जली रोटी कौन
    खाएगा रे !" आदि की झड़ी लगी रहती थी ।
                  वह भी तो आदमी ही है । उसके भी दिल है ।
    बेचारा कुछ रुपए का नौकर यंत्र नहीं बन सकता । तंग
    आकर भाग जाने के सिवा कोई चारा नही था ।

6. "अच्छा हो , सुकरात के इस विचार को मेरे मित्र अपने कमरे में
    लिखकर टाँग लें ।" - लेखक ने ऐसा क्यों कहा है  ? 
    उत्तर : महान संत सुकरात ने कही थी , "जो मनुष्य मूर्ख है
    और जानता है कि वह मूर्ख है , वह ज्ञानी है , पर जो मूर्ख
    है और नहीं जानता कि वह मूर्ख है, वह सबसे बड़ा मूर्ख है।
    लेखक का मित्र भी मानते हैं कि उनका जीवन,आचार और
    विचार आदर्श हैं। दूसरे लोग जो उनका सम्मान नहीं करते,
    मूर्ख हैं । वह खुद मूर्ख होकर भी नहीं जानता कि वह मूर्ख
    है । इसलिए लेखक ऐसा कहा है ।

(इ) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो ( लगभग 50 शब्दों में ) :
1. अपने मित्रों को परेशान देखकर लेखक को किस किस्से का
    स्मरण हो आता है ?
उत्तर : अपने मित्रों को परेशान देखकर लेखक को दो कुत्तों
          की घटना का स्मरण हो आता है । लेखक उनकी
          मिसाल भौंकने वाले कुत्ते से नहीं देना चाहता । वह
          चाहता है कि इस कहानी से उनका मित्र चाहें तो कुछ
          सबक जरूर सीख सकते हैं ।

2. दुखड़ा रोते रहने वाले व्यक्ति का दुनिया से दूर किसी जंगल में
    चले जाना क्यों बेहतर है ?
उत्तर : हमें सदैव दूसरों की अच्छाइयों को देखना , अपने
         अवगुणों पर भी ध्यान देना और हर परिस्थिति में खुश
         रहना चाहिए । अपने निंदक का भी एहसानमंद होना
         और प्रत्येक व्यक्ति के साथ प्रेम और नम्रतापूर्ण
         व्यवहार करना चाहिए , तभी तो दुनिया भी खुद को
         साथ देगी । इसलिए लेखक ने कहा है कि दुखड़ा रोते
         रहने वाले व्यक्ति का दुनिया से दूर किसी जंगल में चले
         जाना ही बेहतर है ।



Wednesday, 29 July 2020

Class 9 | Hindi Textbook Solution | Aalok Bhag - 1 | अध्याय 4 : चिड़िया की बच्ची - जैनेंद्र कुमार |

□ पाठ  का  सारांश : चिड़िया  की  बच्ची ,  जैनेंद्र  कुमार  की
एक  मनोविश्लेषनात्मक  कहानी  है । इसमें  कहानीकार  ने
एक  धनाढय  व्यक्ति  के  विचार  तथा  एक  छोटी  चिड़िया
की  भावनाओं  को  बड़े  मार्मिक  रूप  में  प्रस्तुत  किया  है ।
सेठ  माधवदास  चिड़िया को  कैद  करके  अपने  पास रखना
चाहता  है । इसलिए  वह  तरह-तरह  के  प्रलोभन  देकर  उस
चिड़िया  को  अपनी  बातों  में  उलझाए  रखता  है ,  पर
कोमलप्राण  चिड़िया  को  सेठ  की  बातें  समझ  नहीं आतीं ।
वह  तो  केवल  अपनी  माँ  को  जानती  है । अतः अँधेरा होने
से  पहले  अपनी  माँ  के  पास  पहुँच  जाना  चाहती  है । वह
कोमलप्राण  चिड़िया  प्रेम  की  भूखी  है । उसके  मातृस्नेह के
आगे धन  का कोई  महत्व  नहीं  हैं । इसलिए  सेठ  के  नौकर
के  खुले  पंजे  में  आकर  भी  वह  न  आ  सकी  और  उड़ती
हुई  एक  साँस  में  अपनी  माँ  के  पास  पहुँच  गयी । यह
कहानी  बच्चों  को  सकारात्मक  प्रेरणा  देती  है ।  हमें  इस
कहानी  से  यह  सीख  मिलती  है  कि  लालच  या  प्रलोभन
हमारे  जीवन  में  अंधकार  लाता  है  तथा  हमें   इससे  दूर
रहना  चाहिए । तभी  हमें  जीवन  में  प्रकृत  आनंद  मिलेगा ।

अभ्यासमाला 

■ बोध  एवं  विचार 

1. सही  विकल्प  का  चयन  करो  :

    (क) सेठ  माधवदास  ने  संगमरमर  की  क्या  बनवाई  है  ?
    (1) कोठी  (2) मूर्त्ति  (3) मंदिर  (4) स्मारक

    (ख) किसकी  डाली  पर  एक  चिड़िया  आन  बैठी  ?
    (1) जूही  (2) गुलाब  (3) बेला  (4) चमेली

    (ग) चिड़िया  के  पंख  ऊपर  से  चमकदार  और  स्याह   थे ।
    (1) सफेद  (2) स्याह  (3) लाल  (4) पीला

    (घ) चिड़िया  से  बात  करते - करते  सेठ  ने  एकाएक  दबा
    दिया ---
    (1) हाथ  (2) पाँव  (3) बटन  (4) हुक्का

2. संक्षिप्त  में  उत्तर  दो  ( लगभग  25  शब्दों  में ) :

    (क) सेठ  माधवदास  की  अभिरुचियों  के  बारे  में  बताओ ।
    उत्तर : सेठ  माधवदास  सुंदर  अभिरुचि  के  आदमी  हैं ।
    उनको  कला  से  बहुत  प्रेम  है । फूल - पौधे , रकाबियों  से
    हौजों  में  लगे  फव्वारों  में  उछलता  हुआ  पानी  उन्हें  बहुत
    अच्छा  लगता  है ।

    (ख) शाम  के  समय  सेठ  माधवदास  क्या - क्या  करते  है ?
    उत्तर : शाम  के  समय  सेठ  माधवदास  अपने  कोठी  के
    बाहर  चबूतरे  पर  तख्त  डलवाकर  मसनद  के  सहारे  गलीचे
    पर  बैठते  हैं  और  प्रकृति  की  छटा  निहारते  हैं । साथ  में
    मित्र  होने  से  उनसे  विनोद - चर्चा  करते  हैं , नहीं  तो  उनसे
    रखे  हुए  फर्शी  हुक्के  की  सटक  को  मुँह  में  दिए  ख्याल ही
    ख्याल  में  संध्या  को  स्वप्न  की  भाँति  गुजार  देते  हैं ।

    (ग) चिड़िया  के  रंग - रूप  के  बारे  में  क्या  जानते  हो ?
    उत्तर : चिड़िया  बहुत  सुंदर  थी । उसकी  गरदन  लाल  थी
    और  गुलाबी  होते - होते  किनारों  पर  जरा - जरा  नीली  पड़
    गई  थी । पंख  ऊपर  से  चमकदार  स्याह  थे । उसका नन्हा -
    सा  सिर  तो  बहुत  प्यारा  लगता  था  और  शरीर  पर  चित्र -
    विचित्र  चित्रकारी  थी । वह  खूब  खुश  मालूम  होती  थी ।
    अपनी  नन्ही  सी  चोंच  से  प्यारी - प्यारी  आवाज  निकल
    रही  थी ।

    (घ) चिड़िया  किस  बात  से  डरी  रही  थी ?
    उत्तर : जब  माधवदास  ने  चिड़िया  से  कहा  कि  भीतर
    महल  में  चलो । उनके  पास  बहुत  सा  सोना - मोती  है । वह
    चिड़िया  से  कहने  लगा  कि  उनके  लिए  सोने  का  एक
    बहुत  सुन्दर  घर  बनाया  जाएगा , मोतियों  की  झालर  उसमें
    लटकेगी । तुम  मुझे  खुश  रखना । इन  सब  बात  से  चिड़िया
    डरी  रही  थी ।

    (ङ) ' तु  सोना  नहीं  जानती , सोना ? उसी  की  जगत  को
    तृष्णा  है ।'  - आशय  स्पष्ट  करो ।
    उत्तर : माधवदास  चिड़िया  से  कहने  लगी  कि  उनके  पास
    ढेर का ढेर सोना है । चिड़िया के  घर  समूचा  सोने  का  होगा ।
    ऐसा  पिंजरा  बनवाऊँगा  कि  कहीं  दुनिया  में  न होगा जिसके
    भीतर  वह  चिड़िया  थिरक-फुदककर  उसे  खुश  कर सकेगा,
    उसके  भाग्य  खुल  जाएगा  तथा  पानी  पीने  वाला  कटोरी भी
    सोने  का  कहकर  माधवदास  चिड़िया  को  सोने  के बारे  में
    बताते  है ।

3. निम्नलिखित  प्रश्नों  के  उत्तर  दो ( लगभग  50 शब्दों  में )

    (क)किन  बातों  से  ज्ञात होता  है  कि  माधवदास  का  जीवन
    संपन्नता  से  भरा था  और  किन  बातों  से  ज्ञात  होता  है  कि
    वह  सुखी  नहीं  था ?
    उत्तर : माधवदास  सुंदर  अभिरुचि  के  आदमी  है । उसने
    अपनी  संगमरमर  की  नई  कोठी  बनवाई  है । उसके  सामने
    बहुत  सुहावना  बगीचा  भी  लगवाया  है । उनको  कला  से
    बहुत  प्रेम  है । धन  की  कमी  नहीं  है  और  कोई  व्यसन  छू
    नहीं  गया  है । समय  भी  उनके  पास  काफी  है । इन  बातों
    से  ज्ञात  होता  है  कि  माधवदास  का  जीवन  संपन्नता  से
    भरा  था  और  सब  कुछ  होने के बावजूद  उन्हें  अपने जीवन
    में  कुछ  खाली  सा  महसूस  होता  था  तथा  कह  सकते  है
    अकेलापन  महसूस  होता  था , इन  बातों  से  ज्ञात  होता  है
    कि  वह  सुखी  नहीं  था ।

    (ख) सेठ  माधवदास  चिड़िया  को  क्या - क्या  प्रलोभन  दे
    रहा  था  ?
    उत्तर  : सेठ  माधवदास  चिड़िया  को  सोने  का  एक  बहुत
    सुंदर  घर  बना  देने , मोतियों  की  झालर , सोने  का  पिंजरा ,
    पानी  पीने  के  लिए  सोने  की  कटोरी , अनगिनति  फूलों  के
    बगीचे , उनकी  खुशबू  तथा  उनसे  तरह - तरह  प्रश्न  आदि
    पुछकर  प्रलोभन  दे  रहा  था  ।

    (ग) माधवदास  क्यों  बार - बार  चिड़िया  से  कहता  है  कि
    यह  बगीचा  तुम्हारी  ही  है  ? क्या  माधवदास  नि:स्वार्थ  मन
    से  ऐसा  कह  रहा  था  ?
    उत्तर  : माधवदास  बार - बार  चिड़िया  से  कहता  है  कि  यह
    बगीचा  तुम्हारी  ही  है  क्योंकि  चिड़िया  को  देखकर  उनका
    चित्त  प्रफुल्लित  हुआ  था । उन्हें  देखकर  उनकी  रागनियों
    का  जी  बहलेगा । सच  माने  तो  वह  चिड़िया  को  पिंजरे  में
    केद  करके  रखना  चाहता  था ।
            नही , माधवदास  नि:स्वार्थ  मन  से  ऐसा  नही  कह  रहा
    था । वह  स्वार्थी  था  इसलिए  उस  चिड़िया  को  पिंजरे  में
    केद  करना  चाहता  था ।
    

      

Wednesday, 3 June 2020

Student's Guide | Class 10 (SEBA) | Hindi Textbook Solution | Aalok Bhag - 2 | अध्याय - 5 : सड़क की बात - रवींद्रनाथ ठाकुर |

अभ्यासमाला 

■ बोध एवं  विचार 
1. एक  शब्द  में  उत्तर  दो :

    (क) गुरुदेव  रवींद्रनाथ  ठाकुर  किस  आख्या  से  विभूषित
          हैं ?
          उत्तर : गुरुदेव  रवींद्रनाथ  ठाकुर  विश्व - कवि '
          आख्या  से  विभूषित  है ।

    (ख) रवींद्रनाथ  ठाकुर  जी  के  पिता  का  नाम  क्या  था ?
           उत्तर : रवींद्रनाथ  ठाकुर  जी  के  पिता  का  नाम  था
           देवेंद्रनाथ  ठाकुर ।

    (ग) कौन - सा  काव्य - ग्रंथ  रवींद्रनाथ  ठाकुर  जी  की  क्रीर्ति
          का  आधार - स्तंभ  है  ?
          उत्तर : ' गीतांजलि  काव्य - ग्रंथ  रवींद्रनाथ  ठाकुर  जी
          की  क्रीर्ति  का  आधार - स्तंभ  है ।

    (घ) सड़क  किसकी  आखिरी  घड़ियों  का  इंतजार  कर  रही
          है ?
          उत्तर : सड़क  धूल  में  लोटकर  शाप  की  आखिरी
          घड़ियों  का  इंतजार  कर  रही  है  ।

    (ङ) सड़क  किसकी  तरह  सब  कुछ  महसूस  कर  सकती है?
          उत्तर : सड़क  अंधे  की  तरह  सब  कुछ  महसूस  कर
          सकती  है ।

2 . पूर्ण  वाक्य  में  उत्तर  दो :

    (क) कवि  गुरु  रवींद्रनाथ  ठाकुर  का  जन्म  कहाँ  हुआ  था ?
           उत्तर : कवि  गुरु  रवींद्रनाथ  ठाकुर  का  जन्म कोलकाता
           के  जारोसाँको  में  एक  संपन्न  एवं  प्रतिष्ठित  बांग्ला
           परिवार  में  हुआ  था ।

    (ख) गुरुदेव  ने  कब  मोहनदास  करमचंद  गाँधी को 'महात्मा'
           के  रूप  में  संबोधित  किया  था ?
           उत्तर : गुरुदेव  ने  पश्चिम  बंगाल  के  बोलपुर  के  निकट
           स्थित  शांतिनिकेतन  केंद्र  में  आने  पर  मोहनदास
           करमचंद  गाँधी  को  'महात्मा के  रूप  में  संबोधित
           किया  था ।

    (ग) सड़क  के  पास  किस  कार्य  के  लिए  फुरसत  नहीं है ?
          उत्तर : सड़क  के  पास  इस  कार्य  के  लिए  फुरसत  नहीं
          है   कि  वह  अपने  सिरहाने  के  पास  एक  छोटा - सा
          नीले  रंग  का  वनफूल  भी  खिला  सके ।

    (घ) सड़क  ने  अपनी  निद्रावस्था  की  तुलना  किससे  की है ?
          उत्तर : सड़क  ने  अपनी  निद्रावस्था  की  तुलना  सुुुदीर्घ
          अजगर  की  भाँति  वन - जंगल , पहाड़ - पहाड़ियों  से
          गुजरती  हुई  पेड़ों  की  छाया  और  दूर  तक  फैले  हुए
          मैदानों  में  ऊपर  से  देश - देशांतरों  के  साथ  की  है ।

    (ङ) सड़क  अपनी  कड़ी  और  सूखी  सेज  पर  क्या  नहीं
          डाल  सकती ?
          उत्तर : सड़क  अपनी  कड़ी  और  सूखी  सेज  पर  एक
          भी  मुलायम  हरी  घास  या  दूब  नहीं  डाल  सकती ।

Saturday, 16 May 2020

Student's Guide Class 10(SEBA)|Hindi Textbook Solution|Aalok Bhag - 2|अध्याय 4 : भोलाराम का जीव - हरिशंकर परसाई|

अभ्यासमाला

■ बोध एवं विचार
1. सही  विकल्प  का  चयन  करो  ---

    (क) भोलाराम  केे  जीव  ने  कितनेे  दिन  पहलेे  देह  त्यागी
           थी ?
          
           (अ) तीन  दिन  पहले   (आ) चार  दिन  पहले

           (इ) पाँच  दिन  पहले    (ई) सात  दिन  पहले

    (ख) नारद  भोलाराम  का  घर  पहचान  गए ---

          (अ) माँ - बेटी  के  सम्मिलित  क्रंदन  सुनकर
          
          (आ) उसका  टूटा - फूटा  मकान  देखकर

          (इ) घर  के  बगल  में  नाले  को  देखकर

          (ई) लोगों  से  घर  का  पता  पूछकर

    (ग) धर्मराज  के  अनुसार  नर्क  में  इमारतें  बनाकर  रहनेवालों
          में  कौन  सामिल  है ?

         (अ) ठेकेदार    (आ) इंजीनियर

         (इ) ओवरसीयर   (ई)  उपयुक्त  सभी

    (घ) बड़े  साहब  ने  नारद  को  भोलाराम  के  दरख्वास्तों  पर
          वजन  रखने  की  सलाह  दी। यहाँ  'वजन'  का  अर्थ  है --

         (अ) पेपरवेट   (आ) वीणा

         (इ) रिश्वत   (ई) मिठाई  का  डब्बा

2. पूर्ण  वाक्य  में  उत्तर  दो :

    (क) भोलाराम  का  घर  किस  शहर  में  था ?
    उत्तर : भोलाराम  का  घर  जबलपुर  शहर  में  रहता  था ।

    (ख) भोलाराम  को  सेवानिवृत  हुए  कितनेे  वर्ष  हुए  थे ?
    उत्तर : भोलाराम  को  सेवानिवृत  हुए  पाँच  वर्ष  हुए  थे ।

    (ग) भोलाराम  की  पत्नी  ने  भोलाराम  को  किस  बीमारी  का
          शिकार  बताया ?
    उत्तर : भोलाराम  की  पत्नी  ने  भोलाराम  को  गरीबी  की
    बीमारी  का  शिकार  बताया ।

    (घ) भोलाराम  ने  मकान  मालिक  को  कितने  साल  से
          किराया  नहीं  दिया  था ?
    उत्तर : भोलाराम  ने  मकान  मालिक  को  एक  साल  से
    किराया  नहीं  दिया  था ।

    (ङ) बड़े  साहब  ने  नारद  से  भोलाराम  की  पेंशन  मंजूर
          करने  के  बदले  क्या  माँगा ?
    उत्तर : बड़े  साहब  ने  नारद  से  भोलाराम  की  पेंशन  मंजूर
    करने  के  बदले  उनका  वीणा  माँगा ।

3. संक्षेप  में  उत्तर  दो :

    (क) ' पर  ऐसा  कभी  नहीं  हुआ  था ।'  --- यहाँ  किस  घटना
            का  संकेत  मिलता  है ?
    उत्तर : यहाँ  इस  घटना  का  संकेत  मिलता  है  कि  धर्मराज
    लाखों  वर्षों  से  असंख्य  आदमियों  को  कर्म  और  सिफारिश
    के  आधार  पर  स्वर्ग  या  नर्क  में  निवास - स्थान  'अलाॅट'
    करते  आ  रहे  थे  पर  ऐसा  कभी  नहीं  हुआ  था  कि  किसी
    इंसान  के  जीव  ने  पाँच  दिन  पहले  देह  त्याग  कर  नर्क  लोक तक  ना  पहुँचा  हो ।

    (ख) यमदूत  ने  भोलाराम  के  जीव  के  लापता  होने  के  बारे
          में  क्या  बताया  ?
    उत्तर : यमदूत  ने  भोलाराम  के  जीव  के  लापता  होने  के
    बारे  में  यह  बताया  कि  पाँच  दिन  पहले  जब  जीव  ने
    भोलाराम  की  देह  त्यागी , तब  उन्होंने  उसे  पकड़ा  और
    नर्क  लोक  की  यात्रा  आरम्भ  की । नगर  के  बाहर  जैसे  ही
    उन्होंने  उसे  लेकर  एक  तीव्र  वायु - तरंग  पर  सवार  हूआ ,
    तभी  वह  जीव  उनके  चंगुल  से  छूटकर  न  जाने  कहाँ
    गायब  हो  गया । उन  पाँच  दिनों  में  उन्होंने  सारा  ब्रह्माण्ड
    छान  डाला , पर  उसका  कहीं  पता  नहीं  चला ।

    (ग) धर्मराज  ने  नर्क  में  किन - किन  लोगों  के  आने  की
          पुष्टि  की ? उनलोगों  ने  क्या - क्या  अनियमितताएँ  की
          थीं ?
    उत्तर  : धर्मराज  ने  नर्क  में  बड़े - बड़े  गुुुणी  कारीगर  केे
    आने  की  पुष्टि  की  है । कई  इमारतों  के  ठेकेदार  हैं, जिन्होंने
    पूरे  पैसे  लेकर  रद्दी  इमारतें  बनायीं । बड़े - बड़े  इंजीनियर
    भी  आ  गए  हैं, जिन्होंने  ठेकेदारों  से  मिलकर  भारत  की
    पंचवर्षीय - योजनाओं  का  पैसा  खाया । ओवरसीयर  हैं,
    जिन्होंने  उन  मजदूरों  की  हाजिरी  भरकर  पैसा  हड़पा, जो
    कभी  काम  पर  गए  ही  नहीं । उन्होंने  बहुत  जल्दी  नर्क  में
    कई  इमारतें  तान  दी  हैं ।

    (घ) भोलाराम  की  पारिवारिक  स्थिति  पर  प्रकाश  डालो ।
    उत्तर  : भोलाराम  जबलपुर  शहर  के  घमापुर  मुुुुहल्ले  में
    नाले  के  किनारे  एक  डेढ़  कमरे  के  टूटे - फूटे  मकान  में
    परिवार  समेत  रहता  था । उसकी  एक  स्त्री  थी ,  दो  लड़के
    और  एक  लड़की । उम्र  लगभग  पैंसठ  साल  सरकारी  नौकर
    था ; पाँच  साल  पहले  रिटायर  हो  गया  था । उनके  परिवार
    बहुत  गरीबी  की  जीवन  काट  रहे  थे  क्योंकि  पाँच  सालों
    तक  भोलाराम  के  पेंशन  नही  मिले  थे ।

    (ङ) ' भोलाराम  ने  दरख्वास्तें  तो  भेजी  थीं ,  पर  उन  पर
            वजन  नहीं  रखा  था , इसलिए  कहीं  उड़  गई  होंगी । '
         --- दफ्तर  के  बाबू  के  ऐसा  कहने  का  क्या  आशय  था।
    उत्तर : ' भोलाराम  ने  दरख्वास्तें  तो  भेेजी  थीं ,  पर  उन  पर
    वजन  नहीं  रखा  था , इसलिए  कहीं  उड़  गई  होंगी । '  ----
    दफ्तर  के  बाबू  के  ऐसा  कहने  का  आशय  यह  था  कि  उन
    पर  रिश्वत  नही  दिया  गया  था । देश  के  हर  एक  सरकारी
    दफ्तर  पर  रिश्वत  के  बदले  ही  जल्दी  काम  बनता  है । यही
    वजह  थीं  कि भोलाराम  की  पेंशन  की  रुपये  रुक  गयी थी।

    (च) चपरासी  ने  नारद  को  क्या  सलाह  दी  ?
    उत्तर  : चपरासी  ने  नारद   को  यह  सलाह  दी  कि  अगर
    वह  दफ्तर  के  बड़े  साहब  को  रिश्वत  देकर  खुश  कर
    सकते  है  तो  भोलाराम  का  पेंशन  का  समाधान  हो जाएगा।

    (छ) बड़े  साहब  ने  नारद  को  भोलाराम  के  पेंशन  केस  के
          बारे  में  क्या  बताया  ?
    उत्तर  : बड़े  साहब  ने  नारद  को  भोलाराम  के  पेंशन  केस
    के  बारे  में  यह  बताया  कि  पेंशन  का  केस  बीसों  दफ्तरों में
    जाता  है । देर  लग  ही  जाती  है । हजारों  बार  एक  ही  बात
    को  हजार  जगह  लिखना  पड़ता  है , तब  पक्की  होती  है ।
    जितनी  पेंशन  मिलती  है  उतनी  कीमत  की  स्टेशनरी  लग
    जाती  है । अंत  में  कहा  कि  वजन  रखने से  अर्थात  रिश्वत
    देने  से  काम  जल्दी  भी  हो  सकती  है ।

    (ज) ' भोलाराम  का  जीव '  नामक  व्यंग्यात्मक  कहानी
            समाज  में  फैले  भ्रष्टाचार  एवं  रिश्वतखोरी  का
            पर्दाफाश  करता  है । कहानी  के आधार  पर  पुष्टि करों।
    उत्तर  : ' भोलाराम  का जीव ' नामक  व्यंग्यात्मक  कहानी  के
    जरिये  लेखक  ने  आधुनिक  समाज  व्यवस्था  में  फैले
    भ्रष्टाचार  एवं  रिश्वतखोरी  को  मार्मिकता  के  साथ  पेश किया
    है । यह  भ्रष्टाचार  लगभग  हर  सरकारी  विभाग  में  व्याप्त  है
    तथा  इससे  समाज  का  हर  वर्ग  प्रभावित  है । पाँच  साल
    पहले  सेवानिवृत  भोलाराम  की  परेशानी  में  आम  जनता की
    परेशानी  छिपी  हुई  है । पाँच  वर्षों  तक  पेंशन  के  लिए
    कार्यालय  का  चक्कर  लगानेवाले  भोलाराम  के  परिवार  की
    आर्थिक  दयनीयता  सभीको  प्रभावित  करती  है ।

4. आशय  स्पष्ट  करो  :

    (क) दरख्वास्तें  पेपरवेट  से  नहीं  दबतीं ।
    उत्तर  : अक्सर  हर  छोटे - बड़े  दफ्तरों  में  पेपरवेट  देखने को
    मिलता  है । हवा  अथवा  किसी  कारण  पेपर  उड़  जाने  के
    डर  से  इसे  इस्तेमाल  किया  जाता  है ।  लेकिन  पाठ  के
    आधार  पर  पेपरवेट  का  अर्थ  है  रिश्वत । भोलाराम  के  केस
    में  भी  दरख्वास्तें  तो  भेजी  थीं , पर  उन  पर  वजन  नहीं
    रखा  था ,  इसलिए  पेंशन  के  रुपये  आने  में  देर  लग  रही
    थी । रिश्वत  जैसे  भ्रष्टाचार  लगभग  हर  सरकारी  विभाग  में
    व्याप्त  है  तथा  इससे  समाज  का  हर  वर्ग  प्रभावित  है ।

    (ख) यह  भी  एक  मंदिर  है । यहाँ  भी  दान - पुण्य  करना
           पड़ता  है ।
    उत्तर  : लेखक  के  अनुसार  रिश्वत  जैसे  भ्रष्टाचार  लगभग
    हर  सरकारी  विभाग  में  व्याप्त  है  तथा  इससे  समाज  का
    हर  वर्ग  प्रभावित  है । रिश्वतखोरी  लोग  सरकारी  दफ्तर  को
    मंदिर  के  साथ  तुलना  करते  है  तथा  कहते  है  कि  यह  भी
    एक  मंदिर  है । यहाँ  भी  दान - पुण्य  करना  पड़ता  है ; भेंट
    चढ़ानी  पड़ती  है । रिश्वतखोरी  का  कहना  है  कि  पेंशन  का
    केस  भी  बीसों  दफ्तरों  में  जाता  है । जितनी  पेंशन  मिलती
    है , उतनी  कीमत  की  स्टेशनरी  लग  जाती  है । वे  लोग
    समाज  के  भोले - भाले  लोगों  को  भी  रिश्वत  के  लिए
    विवश  करते  है ।

Sunday, 10 May 2020

Student's Guide : Class 10( SEBA) | Hindi Textbook Solution | Aalok Bhag - 2 | अध्याय- 3 : नीलकंठ - महादेवी वर्मा |

अभ्यासमाला

Page No  : 31
■ बोध  एवं  विचार 

1. सही  विकल्प  का  चयन  करो  :

    (क) नीलकंठ  पाठ  में  महादेवी  वर्मा  की  कौन-सी  विशेषता
    परिलक्षित  हुई  है ?
    
    (अ)    जीव - जंतुओं  के  प्रति  प्रेम
    (आ)   मनुष्यों  के  प्रति  सहानुभूति
    (इ)     पक्षियों  के  प्रति  प्रेम
    (ई)     राष्ट्रीय  पशुओं  के  प्रति  प्रेम

    (ख) महादेवी  वर्मा  ने  मोर -मोरनी  के  जोड़े  के लिए  कितनी
    कीमत  चुकाई ? 

    (अ)  पाँच  रुपये                    (आ) सात  रुपये
    (इ)   तीस  रुपये                  (ई) पैंतीस  रुपये

    (ग) विदेशी  महिलाओं  ने  नीलकंठ  को  क्या  उपाधि  दी थी ?

    (अ)  परफैक्ट  जेंटिलमैन     (आ) किंग  ऑफ  द  जंगल
    (इ)   ब्यूटीफूल  बर्ड               (ई) स्वीट  एंड  हैंडसम  परसन 

    (घ) महादेवी  वर्मा  ने  अपनी  पालतू  बिल्ली  का  नाम  क्या
    रखा  था ?

    (अ)   चित्रा                        (आ) राधा
    (इ)    कुब्जा                       (ई) कजली 

    (ङ) नीलकंठ  और  राधा  की  सबसे  प्रिय  ऋतु  थी ---

    (अ)   ग्रीष्म  ऋतु                (आ) वर्षा  ऋतु
    (इ)    शीत  ऋतु                 (ई)    वसंत  ऋतु 

2. अति  संक्षिप्त  उत्तर  दो  ( लगभग  25  शब्दों  में )

    (क)   मोर - मोरनी  के  जोड़े  को  लेकर  घर  पहुँचने  पर  सब
            लोग  महादेवी  जी  से  क्या  कहने  लगे  ?
    उत्तर : मोर-मोरनी  के  जोड़े  को  लेकर  घर  पहुँचने  पर  सब      लोग  महादेवी  जी  से  कहने  लगे  कि  यह  तो  तीतर  हैं, मोर      कहकर  ठग  लिया  है ।

    (ख) महादेवी  जी  के  अनुसार  नीलकंठ  को  कैसा  वृक्ष
          अधिक  भाता  था ?

    उत्तर : महादेेवी  वर्मा  जी केे  अनुसार  नीलकंठ  को  फलों के      वृक्षों  से  अधिक  पुष्पित  और  पल्लवित  वृक्ष  भाते  थे ।

    (ग) नीलकंठ  को  राधा  और  कुब्जा  में  किसे  अधिक  प्यार
          था  और  क्यों  ?
    उत्तर  : नीलकंठ  को  राधा  और  कुब्जा  में  राधा  से  अधिक
    प्यार  था  क्योंकि  वे  दोनों  आपस  में  बहुत  मिल  थे । दोनों
    एकसाथ  नृत्य  करते  थे । नीलकंठ  और  राधा  की  सबसे
    प्रिय  ऋतु  वर्षा  थी । मेघ  के  गर्जन  के  ताल  पर  ही  वे
    तन्मय  नृत्य  का  आरंभ  करता ।

    (घ) मृत्यु  के  बाद  नीलकंठ  का  संस्कार  महादेवी  जी  ने
          कैसे  किया  ?
    उत्तर  : मृत्यु  के  बाद  नीलकंठ  का  संस्कार  करने  के  लिए
    महादेवी  जी  ने  अपने  शाल  में  लपेटकर  उसे  संगम  ले गई
    और  वहाँ  गंगा  की  बीच  धार  में  उसे  प्रवाहित  कर  दिया ।
   

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