Sunday, 10 May 2020

Student's Guide : Class 10( SEBA) | Hindi Textbook Solution | Aalok Bhag - 2 | अध्याय- 3 : नीलकंठ - महादेवी वर्मा |

अभ्यासमाला

Page No  : 31
■ बोध  एवं  विचार 

1. सही  विकल्प  का  चयन  करो  :

    (क) नीलकंठ  पाठ  में  महादेवी  वर्मा  की  कौन-सी  विशेषता
    परिलक्षित  हुई  है ?
    
    (अ)    जीव - जंतुओं  के  प्रति  प्रेम
    (आ)   मनुष्यों  के  प्रति  सहानुभूति
    (इ)     पक्षियों  के  प्रति  प्रेम
    (ई)     राष्ट्रीय  पशुओं  के  प्रति  प्रेम

    (ख) महादेवी  वर्मा  ने  मोर -मोरनी  के  जोड़े  के लिए  कितनी
    कीमत  चुकाई ? 

    (अ)  पाँच  रुपये                    (आ) सात  रुपये
    (इ)   तीस  रुपये                  (ई) पैंतीस  रुपये

    (ग) विदेशी  महिलाओं  ने  नीलकंठ  को  क्या  उपाधि  दी थी ?

    (अ)  परफैक्ट  जेंटिलमैन     (आ) किंग  ऑफ  द  जंगल
    (इ)   ब्यूटीफूल  बर्ड               (ई) स्वीट  एंड  हैंडसम  परसन 

    (घ) महादेवी  वर्मा  ने  अपनी  पालतू  बिल्ली  का  नाम  क्या
    रखा  था ?

    (अ)   चित्रा                        (आ) राधा
    (इ)    कुब्जा                       (ई) कजली 

    (ङ) नीलकंठ  और  राधा  की  सबसे  प्रिय  ऋतु  थी ---

    (अ)   ग्रीष्म  ऋतु                (आ) वर्षा  ऋतु
    (इ)    शीत  ऋतु                 (ई)    वसंत  ऋतु 

2. अति  संक्षिप्त  उत्तर  दो  ( लगभग  25  शब्दों  में )

    (क)   मोर - मोरनी  के  जोड़े  को  लेकर  घर  पहुँचने  पर  सब
            लोग  महादेवी  जी  से  क्या  कहने  लगे  ?
    उत्तर : मोर-मोरनी  के  जोड़े  को  लेकर  घर  पहुँचने  पर  सब      लोग  महादेवी  जी  से  कहने  लगे  कि  यह  तो  तीतर  हैं, मोर      कहकर  ठग  लिया  है ।

    (ख) महादेवी  जी  के  अनुसार  नीलकंठ  को  कैसा  वृक्ष
          अधिक  भाता  था ?

    उत्तर : महादेेवी  वर्मा  जी केे  अनुसार  नीलकंठ  को  फलों के      वृक्षों  से  अधिक  पुष्पित  और  पल्लवित  वृक्ष  भाते  थे ।

    (ग) नीलकंठ  को  राधा  और  कुब्जा  में  किसे  अधिक  प्यार
          था  और  क्यों  ?
    उत्तर  : नीलकंठ  को  राधा  और  कुब्जा  में  राधा  से  अधिक
    प्यार  था  क्योंकि  वे  दोनों  आपस  में  बहुत  मिल  थे । दोनों
    एकसाथ  नृत्य  करते  थे । नीलकंठ  और  राधा  की  सबसे
    प्रिय  ऋतु  वर्षा  थी । मेघ  के  गर्जन  के  ताल  पर  ही  वे
    तन्मय  नृत्य  का  आरंभ  करता ।

    (घ) मृत्यु  के  बाद  नीलकंठ  का  संस्कार  महादेवी  जी  ने
          कैसे  किया  ?
    उत्तर  : मृत्यु  के  बाद  नीलकंठ  का  संस्कार  करने  के  लिए
    महादेवी  जी  ने  अपने  शाल  में  लपेटकर  उसे  संगम  ले गई
    और  वहाँ  गंगा  की  बीच  धार  में  उसे  प्रवाहित  कर  दिया ।
   

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